आगामी विधान सभा 2022 चुनाव ,कांग्रेस में सीएम के चेहेरे के लिए मचा घमासान
आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र एक दिन पहले भाजपा ने ऐलान किया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को ही सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा. अब कांग्रेस में सीएम चेहरे को लेकर हरीश रावत के नाम पर घमासान है.
बागेश्वर । उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा ही नहीं, कांग्रेस में भी हलचलों और खलबली का दौर शुरू हो चुका है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने बयान में साफ किया कि राज्य में चुनाव मौजूदा सीएम तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. इसके बाद अब कांग्रेस पार्टी भी चुनाव के लिए सीएम के चेहरे को लेकर उत्सुक हो गई है. एक तरफ, भाजपा कार्यकर्ताओं की वर्चुअल बैठकें हो रही हैं, तो दूसरी तरफ, राज्य के वरिष्ठ कांग्रेस नेता हाईकमान से मुलाकात कर चुनाव की रणनीति बना रहे हैं. दोनों पार्टियां मुद्दे तय करती दिख रही हैं, लेकिन अभी कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर स्पष्टता नहीं है.
देखा जाय तो प्रदेश में कांग्रेस में दो फाड़ होने से संगठन कमजोर होते दिखाई दे रहा है। अधिकतर कांग्रेसी हरीश रावत को सीएम चेहरा पसंद नहीं करते । कांग्रेस में उस वक्त गुटबाजी शुरू हो गई जब रणजीत रावत अपने आप को सीएम मानता थे,उनकी दादागिरी किसी को बर्दास्त नहीं हुई यहां तक की हरीश रावत भी नाराज हुए थे । अब रणजीत रावत ही हरीश रावत के विरोध में खड़े है।
हरीश रावत के गुट के कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की. साथ ही फिर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस पार्टी का सीएम का चेहरा बनाने की मांग भी है। .विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक जो रणनीति साफ दिख रही है, उसके मुताबिक कांग्रेस स्वास्थ्य, महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने का तरीका अपना रही है, तो भाजपा मोदी सरकार के कामों को प्राथमिकता देते हुए केंद्र की उपलब्धियों पर वोट मांगने की फिराक में है. इधर, कुंजवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हरीश रावत ने पिछले कार्यकाल में पहाड़ के उत्पादों से लेकर युवाओं के मुद्दों पर बेहतरीन काम किया, लेकिन भाजपा ने पिछले पांच सालों में सीएम बदलने के अलावा कुछ और नहीं किया।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा ने चार साल में दो मुख्यमंत्री बदल डाले । इसके अलावा चार में कोई उपलब्धि हासिल नहीं की है। साफ है कि कांग्रेस में आगामी चुनावों से पहले सीएम चेहरे की होड़ है. कांग्रेसी नेता बार -बार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं।