खुर्शीद के आवास पर आगजनी का मामले में भाजपा नेता की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

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यही होगा बाहरी लोगों का उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बसाने का । क्यों नहीं लाया जा रहा है प्रदेश में भू-कानून । बाहर के यानि दूसरे प्रदेश के नेताओं व बड़े बिजनैस वालों ने पहाड़ की जमीनों को खरीदकर आलीशान कोठिया बनाएं हुए है। ये ही लोग पहाड़ के लोगों का शोषण करते है अपनी पहुंच का इस्तेमाल करके यहां के सीधे साधें लोगों को धमकियां देते है। उत्तराखंड के नेता इनका साथ देते है। लोगों ने कहा है कि अगर सरकार सीघ्र भू कानून नहीं लाती है तो पूरे पहाड़ में चुनाव का बहिष्कार किये जाने का ऐलान किया है।

नैनीताल। हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद सलमान खुर्शीद के मुक्तेश्वर क्षेत्र के मकान में आगजनी के मामले में भाजपा नेता कुंदन चिलवाल की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। पुलिस की ओर से बताया गया था कि इस मामले में कुंदन चिलवाल का कोई रोल नहीं है जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद के अधिवक्ताओं ने इसका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि कुंदन चिलवाल ही मुख्य आरोपी है और उसी के नेतृत्व के सभी लोग आगजनी करने गए थे ,तो पूरी जनता को पुलिस ने गिरफ्तार करनी चाहिए थी ।

न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार 15 नवंबर को क्षेत्र के कुछ लोगों ने उनके मुक्तेश्वर के घर पर आगजनी के साथ गोलीबारी की थी। इसमें कुंदन चिलवाल और जिला पंचायत सदस्य भावना कपिल के पति राकेश कपिल का सीधे तौर पर नाम सामने आया था। पुलिस ने राकेश कपिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और कुंदन चिलवाल को छोड़ दिया। पुलिस इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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