उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्रः प्रश्नकाल में सही जानकारी नहीं दे पाए मंत्री, विपक्ष ने कहा मंत्री को अपने ही विभाग की जानकारी नहीं है
देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान मंत्रियों के जवाबों ने सभी को चौंका दिया. दरअसल प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों से जब सवाल पूछे गए तो उनके पास उसके जवाब नहीं थे. हालात ये थे कि जवाबों के बदले मंत्री मीटिंगों का ब्यौरा देते रहे. बाद में अधिकारियों ने ही मोर्चा संभाला और मंत्रियों ने उनसे मिले नोट्स के आधार पर अपने जवाब दिया ।
इस पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार गंभीर नहीं है. सरकार के मंत्री बिना तैयारी के सदन में आ रहे हैं. दरअसल एक सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री ने बताया कि निगम को 2003 के अपने स्थापना काल से आज तक 595 करोड़ का घाटा हुआ है. इसको पाटने के लिए निगम की बसों में विज्ञापन, कोरियर सेवा, सीएनजी लगाने का काम किया जा रहा है. सीएनजी बसों से अभी तक निगम को 3 करोड़ की आय हो चुकी है. लेकिन बसों को सीएनजी में कन्वर्ट करने में निगम का कितना खर्चा हुआ, चंदन राम दास ये नहीं बता सके.
बहरहाल, सेशन में विधायक रवि बहादुर ने सफाई कर्मियों की समस्याओं, विधायक वीरेंद्र कुमार ने बेरोजगारी, विधायक भुवन कापड़ी ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सीबीआई से जांच कराने, विधायक हरीश धामी ने पिथौरागढ़ में सेना और ग्रामीणों के बीच बने गतिरोध का मुददा भी उठाया. चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं के मुददे पर लंबी बहस चली.