उत्तराखंड भाजपा को भीतरघात से हो सकता है भारी नुकसान ,टिकट बंटवारे को लेकर कार्यकत्ताओं में आक्रोश ,खामिजियां भुगतना पड़ेगा पार्टी को

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बागेश्वर । उत्तराखंड में टिकट बंटवारे में भगत सिंह कोश्यारी की अहम् भूमिका रही है जो उनके चेहते है उन्हीं को टिकट देने में अपनी बात रखी चाहे उनका क्षेत्र में कोई बड़ा तब्बजू है या नहीं इसको लेकर नहीं देखा गया जो प्रत्याशी अनुभवी योग्य व क्षेत्र में मान सम्मान है उन्हें दरकिनार किया गया इसी लिए भाजपा को ऐसे विधान सभाओं से सीट निकालना मुश्किल हो जायेगा। अगर बारीकी से देखें तो कुछ बड़ी बातें निकलकर सामने आती हैं। आइए जानते हैं।
1- 15 ब्राह्मणों और 3 बनिया उम्मीदवार

भाजपा कहती रहती है कि वह टिकट देने में जाति-वर्ग नहीं देखती बल्कि जीतने वाले कैंडिडेट को टिकट देती है। फिलहाल इस लिस्ट में उत्तराखंड की आबादी और अपने कोर वोटबैंक को देखते हुए पार्टी ने 15 ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिया। बनिया बिरादरी से भी 3 उम्मीदवार मैदान में उतारे गए हैं, जिन्हें भाजपा का मजबूत सपोर्टर माना जाता है।

  1. 10 विधायकों का पत्ता साफ, 6 महिलाओं को मौका
    भाजपा ने जिताऊ कैंडिडेट के अपने फॉर्म्युले तहत 10 विधायकों का टिकट काट दिया है। कर्णप्रयाग, थराली, यमकेश्वर के विधायकों का टिकट कटा है। कर्णप्रयाग से अनिल नौटियाल, थराली से गोपाल राम टम्टा और यमकेश्वर से श्रीमती रेणु बिष्ट को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
    पहली सूची में 10 फीसदी से अधिक महिलाओं (कुल 6 महिलाओं) को टिकट दिया गया है। महिला उम्मीदवारों में नैनीताल (एससी) से श्रीमती सरिता आर्य, सोमेश्वर (एससी) से श्रीमती रेखा आर्य, पिथोरागढ़ से श्रीमती चंद्रा पंत, यमकेश्वर से श्रीमती रेणु बिष्ट, खानपुर से श्रीमती कुंवरानी देवयानी, देहरादून कैंट से श्रीमती सविता कपूर का नाम शामिल है।
  2. 72 घंटे पहले भाजपा में आई सरिता आर्य को टिकट
    तीन दिन पहले भाजपा में शामिल होने वाली उत्तराखंड महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और नैनीताल से पूर्व विधायक सरिता आर्य को भी टिकट मिल गया है। वह नैनीताल से भाजपा की उम्मीदवार बनाई गई हैं। ऐसे में यहां मुकाबला काफी दिलचस्प होगा। वह बीते सोमवार को ही भाजपा में शामिल हुई हैं। प्रदेश कांग्रेस ने आर्य को सभी पदों से हटाते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
  3. जुबिन नौटियाल के पिता को टिकट
    चकराता (एसटी) सीट से पार्टी ने रामशरण नौटियाल को उम्मीदवार बनाया गया है। वह बॉलीवड के मशहूर गायक जुबिन नौटियाल के पिता है। देहरादून में जन्मे जुबिन ने मुंबई नगरी में अपनी आवाज के जादू से अलग पहचान बनाई है। उनके गीत को उत्तराखंड, दिल्ली ही नहीं पूरे देश में सुना और पसंद किया जाता है। उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है और चुनाव में जुबिन के पिता को इसका फायदा मिल सकता है। उनके पिता बिजनसमैन हैं।
  4. खंडूरी की बेटी का टिकट कटा
    चौंकाने वाली बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूरी की विधायक बेटी ऋतु खंडूरी का टिकट कट गया है। वह यमकेश्वर से विधायक थीं। 2022 के विधानसभा चुनाव में यमकेश्वर से महिला उम्मीदवार श्रीमती रेणु बिष्ट को मौका दिया गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी कांग्रेस के टिकट पर पौड़ी लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे।
    बागेश्वर । उत्तराखंड में टिकट बंटवारे में भगत सिंह कोश्यारी की अहम् भूमिका रही है जो उनके चेहते है उन्हीं को टिकट देने में अपनी बात रखी चाहे उनका क्षेत्र में कोई बड़ा तब्बजू है या नहीं इसको लेकर नहीं देखा गया जो प्रत्याशी अनुभवी योग्य व क्षेत्र में मान सम्मान है उन्हें दरकिनार किया गया इसी लिए भाजपा को ऐसे विधान सभाओं से सीट निकालना मुश्किल हो जायेगा। अगर बारीकी से देखें तो कुछ बड़ी बातें निकलकर सामने आती हैं। आइए जानते हैं।
  5. प्रणव चौंपियन का टिकट कटा, पत्नी को मिला
    कई बार विवादों में आकर पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चौंपियन का टिकट कट गया है। उनकी जगह पत्नी को भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है। प्रणव चौंपियन तमंचा लहराने जैसे कई विवाद में सुर्खियों में रहे थे। उन्हें कुछ समय के लिए निष्कासित भी कर दिया गया था लेकिन बाद में वापसी हो गई।

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