अस्थमा संबंधी रोगों को समूल नष्ट कर देती है उत्तराखंड ये बूटी, वन अनुसंधान में हुई तैयार

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हल्द्वानी । अस्थमा के रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। अब दम-बेल के जरिए इन सबका उपचार सम्भव है। दमा संबंधी रोगों को जड़ से समाप्त कर देने का इलाज एलोपैथिक में अब तक नहीं मिला है। मगर वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में ऐसी वनस्पति को खोज निकाला है जो इन रोगों में कारगर साबित हुई है। इस वनस्पति का नाम है अनंतमूल। जिसे दम बेल, दम बूटी, लता क्षीरी के नाम से भी जाना जाता है। इस जड़ी बूटी का वानस्पतिक नाम टाइलोफोरिया इंडिका है। यह पौधा मुख्य रूप से दक्षिण भारत, उड़ीसा, आसाम और बंगाल में पाया जाता है। वह अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने इसे दो साल में वन क्षेत्रों में खोज निकाला। फिर हल्द्वानी नर्सरी में लगाया।

नर्सरी में इस पौधे को लगाने के बाद इसकी पत्तियां दमा रोगियों को प्रयोग के तौर पर खाने को दी। धीरे-धीरे लोग पत्तियां ले जाने लगे। अब उंन्हें लाभ हो रहा है। बिष्ट बताते हैं कि मध्य प्रदेश से भी कुछ लोग पौधे की पत्ती यहां से ले गए। किच्छा की एक किशोरी जिसे दमा की शिकायत थी पहले इनहेलर का प्रयोग करती थी मगर इन पत्तियों के खाने से उसका इनहेलर बन्द हो गया है। अब वह दम बूटी का ही इस्तेमाल कर रही है। अनंतमूल अथवा दम बूटी अब हल्द्वानी नर्सरी की शोभा बढ़ा रही है। दमा स्वास के रोगी वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी में मदन बिष्ट से संपर्क कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते है।

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