उत्तराखंड मेंआबादी नही भौगोलिक आधार पर हो परिसीमन
नैनीताल । पहाड़ से बढते पलायन के बीच २०२० में प्रस्तावित उत्तराखंड विधानसभा सीटों का परीसीम जनसंख्या के बजाय भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर करने की मांग पहिले से ही उठते आ रही है । इस मामले में पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कोर्ट ने याचिका कर्ता से कहा कि प्रत्यावेदन सरकार को दें, और सरकार से कहा गया कि इसमें अपना निर्णय दे।
उतराखंड राज्य आंदोलन कारी पी सी जोशी ने याचिका दायर कर कहा कि राज्य के पहाड़ी इलाकों से लगातार हो रहे पलायन से जनसंख्या का घनत्व कम हो रहा है। जिसके कारण पहख में विधानसभा सीटों की संख्या कम हो रही है जिस कारण पहाड़ का विकास रुक गया है ।
राज्य में एक लाख की आबादी पर विधानसभा सीटों का निर्धारण किया है । नौ पर्वतीय जिलों के 40353 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 40विधान सभा सीटें वह चार मैदानी जिलों के 12214 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में 30सीटे है।
जब 2002 में परिसीमन हुआ तो आबादी घटने की वजह से पहाड़ के नौ जिलों की विधानसभा सभा सीटें 40से घटकर 34 जबकि मैदान की 30से बढ़कर 36हो गई। जनहित याचिका में रमाशंकर कौशिक की सिफारिश लागू करने की मांग की है ।
2011की जनगणना में राज्य के पौड़ी वह अल्मोड़ा जिले में से बड़ी संख्या में लोग पलायन हुए हैं। पलायन आयोग भी पहाड़ से हो रहें पलायन को लेकर चिंता जनक रिपोर्ट पेश की है। सबसे पहले पलायन पर लगाम लगाने की कोशिश की जानी चाहिए। नेता और सक्षम वर्ग ही पहाड़ से पलायन हो रहा है।
ता और सक्षम वर्ग