उत्तराखंड नहीं भूला वह दर्द अभी भी लोगों को याद है वह काली रात
जो कांग्रेस के नेता घोर उत्तराखंड विरोधी थे उन्होने उत्तराखंड बनने के बाद सत्ता की भूख मिटाने के लिए सत्ता में बैठे और उत्तराखंड में लूट मचाकर अचूक संपत्ति इकठ्ठा की जिसे आज वे और उनके बच्चें ऐश कर रहे है जिहोेनंे राज्य पाने के लिए अपना सबकुछ खो दिया उनके पास कुछ भी नहीं है जो भी सत्ता में बैठे उन्होनें उत्तराखंड में लूट मचाई इन नेताओं का काम लोगों का भला करने के बजाय अपना भला किया ।
अब एक और लड़ाई है कि इन राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं को सत्ता में आने से रोकना है । अभी 21 साल होने को है इन नेताओं ने अरबों के घोटाले कर दिए है । कल के साईकिल में चलने वाले आज 20 लाख की कारों में घूम रहे है करोड़ों की अचल संपत्ति ,करोड़ों का बैंक बैलेस आखिर ये ऐशों आराम किसके बदोलत कर रहे है ,ये पैसा इनके पास कहां आया । केवल उत्तराखंड के शहीदों, जो रामपुर तिराहे कांड में माताओं व बहिनों की कुर्बानी से ऐश कर रहे है ।आज उन्हें ये सत्ता के लोभी नेता उनके परिवार व आन्दोलनकारियों का मजाक बनाकर रखा है उन्हें अपमानित किया है।
आज ही हमें यह संकल्प लेना है कि आने वाले विधान सभा चुनाव में इन राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं को सत्ता से दूर भगाना है – विनोद कुमार घड़ियाल संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा काठगोदाम – हल्द्वानी
हल्द्वानी । देशभर में जहां 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जा रही है लेकिन उत्तराखंडवासियों के लिए 1व 2 अक्टूबर 1994की काली रात साबित हुई थी
अलग राज्य की मांग को लेकर सैंकड़ों प्रर्दशनकारी शातिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे थे जैसे ही आन्दोलनकारी मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पहुंचे ही थे तो उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार की हठधर्मिता के चलते पुलिस ने उन पर कहर बरपाया था जिसमें 7 आन्दोलकारी शहीद हो गये इतना नहीं सबसे ज्यादा दुखद हमारे लिए हमारी मां-बहनों के साथ बदसलूकी थी। उनका कहना है कि वहां का भयानक मंजर देख हमारे हाथ-पांव फूल गए। हमारी मां-बहनों ने क्या कुछ खोया इसकी पीड़ा केवल वही समझ सकती हैं। जिस राज्य के लिए महिलाओं ने इतनी पीड़ा झेली, कई लोगों ने अपने परिवार खोए, किसी के घर का चिराग बुझ गया उन्हीं की अनदेखी आज इस राज्य में हो रही है।
संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की एक शोक सभा रामपुर तिराहा गोलीकांड के शहीदों शहीद हुए आंदोलनकारियों को शनिवार को मोर्चा कार्यालय कॉल टैक्स पर 2 अक्टूबर को शहीद हुए आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भावुकता के साथ विनोद घड़ियाल ने कहा राज्य पाने के बाद भी हमने कुछ नहीं पाया। आज भी उन महिलाओं को इंसाफ नहीं मिल सका। उनके गुनहगारों को सजा नहीं मिल सकी और शहीदों व आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बन सका।मुजफ्फरनगर कांड (रामपुर तिराहा) की बरसी की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में कहा कि राज्य आंदोलन के शहीदों की शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा।जिससे आंदोलन के शहीदों के सपनों को साकार किया जा सके। इस मौके पर मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विनोद घड़ियाल मोहन शर्मा गणेश पाठक प्रदीप सिंह अनरिया हीरा सिंह जानकी नेगी कांति जोशी कमला बिष्ट सहित कई आंदोलनकारी उपस्थित थे