उत्तराखंड सरकार ने शराब को अब अति आवश्कीय वस्तुओं की सूची में कर दिया है

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उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी विनोद घड़ियाल ने कहा कि ऐसी भ्रष्ट सरकार पहाड़ के लोगों को शराब खरीदने के लिए उत्साहित कर रही है ताकि यहां के युवा पीढ़ी आगे न बढ़ पाय । रोज शराब पीकर लोगों के घरों में झकड़े ,मारपीट होती है । पहाड़ में शराब से ही घरेलु हिसां बढ़ गई है। उनका कहना है कि अगर सरकार की सही सोच होती तो पहाड़ में रोजगार के साधनों को बढ़वा देती कल कारखाने खोलकर स्थानी युवाओं को रोजगार मिलता साथ ही उनकी सेहत में बदलाव भी आता युवा पीढी तरक्की करेगी तो देश -प्रदेश आगे बढ़ेगा शराब ही पीकर नालियों में पड़े रहना सरकार को अच्छा लग रहा है – विनोद घड़ियाल , राज्य आन्दोलनकारी उत्तराखंड

बागेश्वर / हल्द्वानी । उत्तराखंड में शराब अब अति आवश्कीय वस्तुओं की सूची में शामिल हो गई है। प्रदेश में अन्य दुकानों को जहां दोपहर दो बजे तक खोले जाने का फरमान जारी किया गया है वहीं शराब कारोबारियों को सायं साढ़े सात बजे तक दुकानें खोलने की छूट दी गई है।
गुरुवार को दोपहर दो बजे बाद अन्य दुकानें बंद हो गई, लेकिन शराब की दुकानें खुली रही ताकि पहाड़ के लोगअपने घरों में राशन व घरेलु चीजे न ले जाकर शराब की बोतल लेकर जाय यह फरमान सरकार का है।

उधर कुछ व्यापारियों ने अपनी दुकानें समय पर बंद नहीं करने पर उन पर प्रशासन का डंडा पड़ रहा है और चालान भी किए जा रहे है लेकिन शराब व बार की दुकानें शाम साढ़े सात बजें से भी अधिक देर तक खुली रहेगी तो कोई कुछ कहने वाला नहीं होगा क्यशेंकि शराब की बिक्री जरूर होनी है। गरीब को दोवक्त की रोटी कमाने के लिए सरकार मना कर रही है वही शराब के कारोबारियों को प्रोत्साहन दे रही है। उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी विनोद घड़ियाल ने कहा कि ऐसी भ्रष्ट सरकार पहाड़ के लोगों को शराब खरीदने के लिए उत्साहित कर रही है ताकि यहां के युवा पीढ़ी आगे न बढ़ पाय । रोज शराब पीकर लोगों के घरों में झकड़े ,मारपीट होती है शराब से ही घरेलु हिसां बढ़ गई है।
उनका कहना है कि अगर सरकार की सही सोच होती तो पहाड़ में रोजगार के साधनों को बढ़वा देती कल कारखाने खोलकर स्थानी युवाओं को रोजगार मिलता साथ ही उनकी सेहत में बदलाव भी आता युवा पीढी तरक्की करेगी तो देश -प्रदेश आगे बढ़ेगा शराब ही पीकर नालियों में पड़े रहना सरकार को अच्छा लग रहा है।

अगर कोई एक पेटी शराब भी ले जा रहा है तो प्रशासन व पुलिस उनसे कतई नहीं पूछेगी कि एक पेटी शराब कहां को ले जा रहे हो । शराब की दुकानें खुली होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शराब कारोबारियों को सायं साढ़े सात बजे तक दुकानें खोलने की छूट दी गई है। बार संचालकों पर भी यही नियम लागू होगा।

इधर तमाम सामाजिक संगठनों ने शराब की दुकानों को सायं सात बजे तक दुकानें खोलने की छूट दिए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस कारोबार को हतोत्साहित करने की जगह सरकार प्रोत्साहित कर रही है। बता दें वर्तमान में उत्तराखंड में शराब सरकार को सर्वाधिक राजस्व देने वालों में एक है।

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