66 हजार करोड़ के कर्ज के बोझ से लदी उत्तराखंड सरकार
प्रदेश के मुखिया चुनावी साल में आंख बंदकर के ताबड़तोड़ जनता को लुभावनी घोषणाएं कर रही हो, छात्राओं को अब सरकार के कर्ज से टेबलेट भी बांटने की तैयारी में है ताकि युवा वोटर आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा के वोटबैंक बन सकें । राज्य की अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकि है प्रदेश का एक बच्चें से लेकर बुजुर्ग तक कर्ज है।
कैग का खुलासा यूपीसीएल में पिछले साल तक 577 करोड़ का घाटा, सार्वजनिक क्षेत्र की केवल 10 कंपनियां ही मुनाफे में
वित्तीय वष सरकार पर बकाया ऋण सकल राज्य घरेलू उत्पाद
2015-16 39069 9.74
2016-17 44,583 10.14
2017-18 51,831 14.20
2018-19 58,039 10.35
2019-20 65,982 3.16
(नोट धनराशि करोड़ में व सकल राज्य घरेलू उत्पाद प्रतिशत में)
देहरादून । कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2020 तक उत्तराखंड सरकार 65,982 करोड़ के कर्ज के तले दब चुकी थी। पिछले पांच सालों में कर्ज का यह ग्राफ लगातार बढ़ा है। कैग ने न सिर्फ राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाए हैं बल्कि राज्य सकल घरेलू उत्पाद (एसडीजीपी) में भारी गिरावट का भी खुलासा किया है। यह आंकड़ा कैग ने राज्य सरकार के अर्थ एवं संख्या विभाग की रिपोर्ट के हवाले से दिया है।
प्रदेश में ठप उपक्रमों को बंद करने की सिफारिश कीगई है । रिपोर्ट के मुताबिक, सकल राज्य घरेलू उत्पाद की दर 2015-16 में 9.74 प्रतिशत थी, जो 2017-18 में पांच सालों में सबसे अधिक 14.20 फीसदी रही। लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट दर्ज हुई।
कैग की रिपोर्ट में 2019-20 में यह 3.16 प्रतिशत तक गिर गई। मार्च 2020 के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 महामारी की जबर्दस्त मार पड़ी। आर्थिक मामलों के जानकारों के मुताबिक, राज्य सरकार को सामाजिक व आर्थिक क्षेत्रों में पूंजीगत खर्च बढ़ाना होगा ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक असर दिखे।
लोक निमार्ण विभाग के 886 करोड़ के काम अधूरे मिले
कैग ने ऑडिट के दौरान पाया कि लोक निर्माण विभाग के विभिन्न डिविजनों में सड़कों व पुलों के 210 काम अधूरे पड़े थे। इनमें से कुछ काम चल रहा था। ये सभी कार्य 886 करोड़ 43 लाख लागत के थे।
कैग की सलाह, आय बढ़ाए सरकार
कैग राज्य के वित्त को लेकर अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार से स्वयं के कर राजस्व में बढ़ोतरी करने की सलाह दी है। टैक्स फ्री स्टेट के लोभ में सरकार खुद की आय में बढ़ोतरी की खुली राह तैयार नहीं कर पा रही है।
कैग की सलाह इन बिन्दुओं के अनुसार चले सरकार
- करों के लंबित दावों को समय से निपटाया जाए।
- राजस्व की बकाया वसूली हो। बेहतर संसाधन जुटाने के करेत्तर राजस्व में बढ़ोतरी की जाए।
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद को बढ़ाने के लिए सरकार को सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में पूंजीगत खर्च बढ़ाने होंगे।
- सरकार लाभ देने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में निवेश की गई पूंजी पर उचित प्रतिफल लगा सकती है
- विभिन्न क्षेत्रों में बांटे गए ऋणों की वसूली संतोषजनक नहीं है।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में संसाधनों का आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए।
- अधूरी योजनाओं को समय पर पूरी हों ताकि उनकी लागत में बढ़ोतरी से बचा जा सके
- गारंटी कमीशन शुल्क की वसूली सुनिश्चित कर सकती है और इसे गारंटी मोचन निधि में जमा कर सकती है।