उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के भाजपा प्रत्याशी सुरेश गढ़िया कपकोट विधान सभा से 9500 वोटों से आगे

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पहली बार राजनीति की सीढ़ी में कदम रखते ही अपनी मुकाम हासिल करने में सफलता हासिल की ऐसा बहुत कम लोगों को सौभाग्य मिलता है यह सुरेश गढ़िया का अपना मधुर स्वभाव लोगों में मिलनसार किसी तरह का भेदभाव नहीं रखते है सभी का दुख-दर्द को समझने वाले जमीन से जुड़े मध्यम परिवार से निकले है अगर आगे को यही व्यौहार बना रहे तो एक दिन बुलंदियों को चुमगें ।

कपकोट । उत्तराखंड चुनाव का पूरी तस्वीर अभी वांकि है। भाजपा बहुमत मिलने के आसार बन रहे है। और वह सरकार बनाने की तैयारी में है. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, कपकोट विधान सभा सीट से जमीन से जुड़े युवा प्रत्याशी सुरेश गढ़िया प्रथम बार भाजपा ने भरोसा जताया और चुनावी जंग में जीत दर्ज करने में आगे चल रहे है। यह पूरे प्रदेश के युवाओं को संदेश जाता है साथ ही पूरे विधान सभा क्षेत्र की जनता ने सुरेश गढ़िया पर भरोसा जताया है।
इस बार विधानसभा में सबसे दिलचस्प बात यह है कि कपाकोट विधान सभा सीट पर जो दोनों ही प्रत्याशी युवा चेहेरे चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन मैदान पहली बार में सबसे कम उम्र के भाजपा प्रत्याशी सुरेश गड़िया के पाले में आ ने की उम्मीद जताई है भाजपा कार्यकत्ताओं में में भारी उत्साह भरा हुआ है कि हमने चुनावी मैदान में जीत के करीब पहुंच रहे है।
ललित फर्स्वाण पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें राजनीति का अच्छा अनुभव होने के बाबजूद मैदान जीत नहीं पाये । सबसे बड़ी वजह यह है कि ललित फर्स्वाण ने कपकोट विधान सभा क्षेत्र में अपने कार्यकाल में कोई बड़ा काम नहीं किया ,दूसरी वजह मान रहे है कि वे बागेश्वर विधान सभा क्षेत्र के निवासी है।
यहां की जनता और युवा वोटर जीत युवाओं की जीत मान रही है। यह बात सुरेश गड़िया ने कहा कि जनता का स्नेह व आर्शीवाद मेरे लिए सबसे ऊंचा है।

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