वैक्सीन पूर्ण सुरक्षा कवज नहीं है ,मैं उसका उदाहरण हूॅं: हरीश रावत

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देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ने हरीश रावत ने कोरोना वैक्सीन के असर को लेकर लोगों को सचेत किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले बधाई के पात्र हैं, लेकिन ये वैक्सीन पूर्ण सुरक्षा नहीं है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की डोज लेने के बाद आप यह मानकर के चलें कि आप अब प्तकोरोनायुमुन हो गये हैं तो इसका उदाहरण मैं हूं. मुझे वैक्सील लगी थी, तो भी खतरा बना हुआ है. ये वायरस बहरूपिया है ।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक के बाद तीन ट्वीट कर कोरोना वैक्सीन और वायरस के खतरे को लेकर लोगों को सावधान किया है. उन्होंने लिखा- जिन साथियों को वैक्सीन/टीका लग गया है, मैं उनको बधाई देता हूं. मगर एक सावधानी के साथ ये वैक्सीन पूर्ण सुरक्षा नहीं है. यदि आप यह मानकर के चलें कि आप अब कोरोनायुमुन हो गये हैं और आप सामान्य तरीके का व्यवहार करने लगें, उसका उदाहरण मैं हूं. मैं डॉक्टरों और अपने इष्ट देवता की कृपा से कहां से लौट कर आया हूं. मुझे भी वैक्सीन लगी थी तो खतरा बना हुआ है, मगर खतरे का असर कम होता है और उसके लिए आवश्यक है कि आपको सारी सावधानियां जो सरकार और कोरोना विशेषज्ञ आपसे चाह रहे हैं, उसका और धर्मपूर्वक पालन करें.
हारीश रावत ने कहा कि आप सुरक्षित हैं, अर्धसुरक्षित हैं, जैसे भी हैं, आप अपने अड़ोस-पड़ोस, अपने परिवार, दूसरे लोग जिनको वैक्सीन नहीं लगी हैं उनकी सुरक्षा का दायित्व भी आपके कंधों पर है. उसको आप तभी पूर्ण कर सकते हैं, जब आप इस बहरुपिये कोरोना वायरस को ठीक से समझ सकें और वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और सरकार की चेतावनी के अनुरूप आचरण कर सकें. इसके जरिए हरीश रावत ने एक तरफ लोगों से वैक्सीन की डोज लेने को लेकर जागरुक किया है तो वहीं इसको लेकर यह भी जता दिया कि इस वैक्सीन को लगवा लेने भर से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम होने वाला नहीं है.

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