सड़क न बनने पर बचींगांव के ग्रामीणों का फिर आन्दोलन की चेतावनी

लाहौर घाटी विकास से कोसों दूर
बागेश्वर । प्रधामंत्री सड़क योजना में हर गांव व तोको को मुख्य सड़क से जोड़ने का लक्ष्य है ,चाहे वहां पर चार परिवार ही क्यों न रह रहे हो । लाहौर घाटी एक सौ परिवार आज भी सड़क के लिए तरस रहे है सभी ने ढूठे आश्वासन दिये इन झूइे आश्वासनों से ग्रामीणों का गुस्सा फूटा उन्होने रोड की मांग के लिए कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।
यहां जिला मुख्यालय से बालीघाट से जाख हड़बाड़ होते हुए सलानी को मिलान है। 30 किलोमीटर रोड पीएमजीएसवाई के तहत रोड बनी हुई है जो अब लोक निमार्ण विभाग ले ले लिया है। मात्र 5 किलोमीटर में बसे बचींगाव के ग्रामीणों को रोड के लिए वंचित कर दिया । ग्रामीणों ने कहा गंभीर मरीज को रोड हैड तक लाने में डोली या पीठ में लादकर लाना पड़ता है ं गर्भवती महिला की हाल बिगड़ जाने व रोड तक आने तक दो घंटे से ज्यादा लग जाते है तब तक महिला दम तोड़ देगी इस तरह की कई घटनाएं हो चुकि है। उन्होंने कहा आजतक अनुसूचित जाति और सामान्य जाति के लोगों को सड़क से लाभ होगा।
उन्होंने कि पिछले 12 साल से सड़क के लिए संघर्ष करते आ रहे है किसी ने भी नहीं सुनी । जिसे ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट गया वे ग्रामीण बड़ी संख्या में वर्ष 2021 में कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रदर्शन किया। उन्होंने तत्कालीन जिलाधिकारी विनीत कुमार को ज्ञापन भी सौंपा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत हड़बाड़ का वल्ली बचीगांव 40 परिवार अनुसूचित जाति और पल्ली में 32 परिवार सामान्य और एससी जाति के निवास करते हैं। हड़बाड़ से बचीगांव की दूरी पांच किमी है। लेकिन अभी तक ग्रामीणों को यातायात की सुविधा नहीं मिल सकी है। जिससे स्थानीय जनता, वृद्ध, छोटे-छोटे बच्चे, महिलाओं को पैदल चलना पड़ रहा है। जंगली रास्ता होने से उन्हें गुलदार, भालू आदि का भय बना रहता है। स्कूल आदि छोड़ने के लिए भी अभिभावकों को उनके साथ जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी बचीगांव के ग्रामीण सड़क से महरूम हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत रोड का निर्माण शीघ्र कराने की मांग की। अब दूबारा जनआक्रोश सड़क पर उतरेगा ं जबतक रोड की मंजूरी नहीं होगी तक तक ंउग्र आंदोलन किया जायेगा ।
ग्रामीण ने कहा कि हम केवल वोट देने के अधिकारी है जिन्हें सत्ता तक पहुंचाया उन्हें हर बार पांच साल बाद याद आती है जब भिखारी तरह से वोट मांगने आते है ।
कई बार ग्रामीण विधायक ,संासद के पास चले गए लेकिन झूठे आश्वासन दिलाते रहते है। इस बार जिलाधिकारी की ओर से रोड की मांग की गई है। अगर रोड स्वीकृत नहीं हुई तो कलैक्ट्रेट पर भूख हड़ताल के लिए ग्रामीणों को बाध्य होना पड़ेगा । उन्होनें भाजपा को याद दिलाया कि 2022 कहीं दूर नहीं है। इसके अलावा पूर्व कांग्रेस की सरकार व विधायक भी जिम्मेदार है। अगर रोड नहीं बनी तो तीनों ग्राम सभा की जनता मताधिकार का उपयोग नहीं करेगी । इस मौके पर सुनता देवी, राम प्रसाद, मोहन राम, हंसी देवी, वदंना, किशन राम, महेश चंद्र आदि कई ग्रामीण मौजूद रहे ।