मतदाता पहचान पत्र नहीं तो ये दस्तावेज दिखा कर कर सकते हैं मतदान, वोट डालने को आयोग ने अनुमन्य किए

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देहरादून: लोकतंत्र के महासमर का बिगुल बज चुका है। चुनावी महारथियों का रण सजने लगा है। महारथी मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए जुट गए हैं। मतदाता भी अपने अधिकार के प्रति सजग होकर अपने जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए तैयार हैं। आयोग ने इस बार चुनाव के लिए 11 ऐसे दस्तावेज स्वीकृत किए हैं, जिन्हें मतदाता फोटो मतदाता पहचान के अलावा वोट डालने के लिए पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रदेश में 14 फरवरी को पांचवीं विधानसभा के लिए मतदान होना है। इसके लिए आयोग ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। इस बार चुनाव में 70 जनप्रतिनिधियों को चुनने के लिए 82.37 लाख मतदाताओं ने मतदान करना है। भारत निर्वाचन आयोग ने यह साफ किया है कि केवल वोटर कार्ड, यानी फोटो पहचान पत्र ही होना जरूरी नहीं है, बल्कि वोटर लिस्ट पर भी नाम होना भी जरूरी है, तभी मतदाता वोट दे सकेंगे।

इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि मतदान के पास फोटो युक्त मतदान पहचान पत्र होना चाहिए, यदि किसी के पास यह नहीं है तो 11 ऐसे अन्य दस्तावेज हैं, जिनके आधार पर मतदाता चुनाव में अपना वोट दे सकते हैं। मतदान केंद्र पर ये दस्तावेज पीठासीन और मतदान अधिकारी को दिखाने होंगे। बूथ पर तैनात राजनीतिक पार्टी के अभिकर्ताओं द्वारा भी मतदाता को लेकर पुष्टि करेंगे। इसके बाद मतदाता मतदान कर सकेंगे।

ये है दस दस्तावेज

भारत निर्वाचन आयोग ने फोटो युक्त मतदाता परिचय पत्र के अलावा आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, बैंक अथवा डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड, एनपीआर के तहत आइजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन अभिलेख, केंद्र, राज्य सरकार व सार्वजनिक उपक्रम व लिमिटेड कंपनियों के द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र और सांसद, विधायक व एमएलसी को जारी अधिकारिक पहचान पत्र।

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