प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग,प्रोस्टेट कैंसर क्या है?

ख़बर शेयर करें

प्रोस्टेट का नॉर्मल साइज 18 से 20 ग्राम होता है। हर साल इसके आकार में 2.3 ग्राम की बढ़ोतरी होती है। यदि इस बीमारी से ग्रस्त किसी व्यक्ति का प्रोस्टेट का आकार 100 ग्राम से ज्यादा बढ़ जाए तो यह किडनी के लिए घातक होता है। चार से पांच साल तक इसकी अनदेखी करने पर पीड़ित व्यक्ति की किडनी फेल होने की संभावना बढ़ जाती है

पीएसए टेस्ट, एक प्रकार की खून की जांच होती है, जिसमें प्रोस्टेट ग्रन्थि के असामान्य तौर पर बड़े होने के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता लगाया जाता है। यह पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआती जांच का सबसे सामान्य तरीका है

गुरूग्राम । प्रोस्टेट पुरुषों में एक अखरोट के आकार का ग्रंथि है जो वीर्य बनाता है और शुक्राणु को पोषण जुटाता है। जब प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर होता है, तो इसका विकास धीमी और सिमित हो सकता है, जिसे चिकित्सा सहायता की जरुरत नहीं होती या फिर यह गंभीर रूप से बढ़ सकता है और नजदीकी अंगों तक फैल सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर जब कम और सिमित रूप में होता है तब इसके उपचार की संभावना अधिक होता है। इस रोग का निदान केवल तभी हो सकता है जब इसकी पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो सके। स्क्रीनिंग के माध्यम से इसकी पहचान शुरुआती अवस्था में हो सकती है।
क्या प्रोस्टेट कैंसर के लिए जांच करवानी चाहिए?
इस विषय पर बहुत विचार और संवाद हुआ है जो ये सिद्ध करते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग आवश्यक और सहायक है। यह आंशिक रूप से सक्रिय निगरानी का विषय है, जिसका अर्थ है कि प्रोस्टेट कैंसर वाले एक वृद्ध व्यक्ति सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है, लेकिन कुछ प्रोस्टेट कैंसर बहुत तेजी से बढ़ते हैं और उस व्यक्ति के लिए खतरा बन जाते हैं। दोनों में अंतर नहीं किया जा सकता है। स्क्रीनिंग में होने वाली लागत जीवन के लिए खतरनाक कैंसर से कम है।
प्रोस्टेट कैंसर के चेतावनी के संकेत क्या हैं?
-जलन और पेशाब में दर्द
-पेशाब करने और रोकने में कठिनाई
-रात में बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
-मूत्राशय के नियंत्रण में कमी
-मूत्र प्रवाह में कमी
-मूत्र में रक्त (हेमट्यूरिया)
-वीर्य में रक्त
-इरेक्टाइल डिसफंक्शन
-दर्दनाक स्खलन
इन चेतावनी संकेतों के साथ समस्या यह है कि ये प्रारंभिक अवस्था में दिख सकते हैं या नहीं भी दिख सकते। अधिकांश प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआत में पहचान करना मुश्किल है।इस संबंध में अमेरिकन कैंसर सोसायटी का एक विशिष्ट प्रोटोकॉल है जिसका पालन पूरी दुनिया में किया जाता है।
आपको जांच करवाने की आवश्यकता तभी है जब
40 अगर आपका पारिवारिक इतिहास है
50 यदि आपका पारिवारिक इतिहास नहीं है
55-69 दृ अपने डॉक्टर से चर्चा करें
70 साल से अधिक के लोगों को स्क्रीनिंग की सिफारिश नहीं की जाती है
फिर भी, आपके डॉक्टर सलाह दे सकते हैं कि आपको स्क्रीन की जरूरत है या नहीं।
स्क्रीनिंग कैसे होता है?
2 तरह के परीक्षण चलन में है
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट – ब्लड टेस्ट
फ्री पीएसए परीक्षण – फ्री पीएसए कैंसर होने का अधिक खतरा दिखाता है।
पीएसए वेग या समय के साथ वृद्धि की दर (तेजी से वृद्धि का मतलब अधिक खतरा है)
पीएसए घनत्व, या पीएसए पर वॉल्यूम प्रोस्टेट की मात्रा (उच्च घनत्व का अर्थ है अधिक खतरा)
पीएसए – आधारित मार्कर (उदाहरण के लिए प्रोस्टेट हेल्थ इंडेक्स, 4 स्कोर)
डिजिटल रेक्टल एग्जाम हाथ से
यदि उपरोक्त परीक्षणों में से किसी में प्रोस्टेट कैंसर का संदेह है, तो इसकी पुष्टि इनके द्वारा की जाती है
-अन्य मार्कर, यूरिनरी पीसीए 4 टेस्ट
-प्रोस्टेट का एमआरआई
-बायोप्सी
मैं 50 वर्ष का हूं, स्क्रीनिंग मेरे लिए क्यों नहीं है?
सिर्फ उम्र के वजह से आपको अधिक खतरा नहीं होता है। एथ्निसिटी जैसे अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं जिनकी चर्चा ऊपर की जा चुकी है। इसके अलावा स्क्रीनिंग में कुछ तथ्यों छूट जा सकते हैं काफी महत्व के हो सकते हैं ठीक वैसे हीं कुछ अन्य चीजों का पता चल सकता है जो वैसे नुकशानदेह नहीं होते। ये तेजी से बढ़ते घातक ट्यूमर या धीमी गति से बढ़ते हानिरहित ट्यूमर के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं। इसके ऊपर, इसका दुष्प्रभाव रोगी के जीवन के गुणवत्ता को कम कर सकता है।
प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआत में पता लगाने का एक उपलब्ध समाधान है. अपने आप के परिक्षण का निर्म निर्णय समझदारी से लें।इस संबंध में सारि जानकारी इकठा करें।
डॉ. अमित गोयल, कंसलटेंट यूरोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम

You cannot copy content of this page