आखिर क्यों चर्चा में हैं बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री? जानें पूरा विवाद
दिल्ली ।मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों विवादों में घिरे हैं. धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप है. इसके साथ ही उनपर नागपुर में कथा बीच में ही छोड़कर भागने का आरोप भी लगा है. हालांकि धीरेंद्र शास्त्री लगातार अपने प्रतिद्वंदियों पर पलटवार कर रहे हैं. दरअसल, कुछ लोगों ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रैक्टिस को ढकोसला बताया है और उनके चमत्कार को चुनौती दी है. वहीं, छत्तीसगढ़ के रायपुर में कथा कर रहे धीरेंद्र शास्त्री ने चुनौतियों को स्वीकार किया है और कहा है कि जिन लोगों को आशंका है, वो मेरे दरबार में आ सकता है. दरअसल, दावा किया जा रहा है कि बागेश्वर धाम अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं, जिसको लेकर लोगों में उनकी कथा कराने को लेकर होड़ मची हुई है।
जाने क्या है पूरा विवाद?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि उन पर भगवान हनुमान जी की विशेष कृपा है और वह उनकी प्रेरणा से ही लोगों की समस्याओं को दूर करना का प्रयास करते हैं. जबकि कुछ लोगों ने उन पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगाए हैं, जिसके चलते नागपुर में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन पर यह केस अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति की ओर से दर्ज कराया गया है. समिति ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं व पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो वो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. ।
कौन हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?
दरअसल, मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित गड़ागंज गांव में 4 जुलाई 1996 को जन्मे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पूरा परिवार गांव में ही रहता है. गांव में उनके पैतृक घर के पास प्राचीन बागेश्वर धाम का मंदिर है. धीरेंद्र शास्त्री के दादा पंडित भगवान दास गर्ग भी मंदिर में रहते है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से दीक्षा ली थी. दीक्षा प्राप्त करने बाद वो गड़ा गांव आ गए थे, जहां उन्होंने बागेश्वर धाम मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. जिसके बाद उन्होंने यहीं पर दरबार लगाना शुरू कर दिया था. वहीं, धीरेंद्र शास्त्री के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज बालाजी बागेश्वर धाम को समर्पित हैं.