हार्ट ब्लॉकेज क्यों होता है? जानें हार्ट में ब्‍लॉकेज होने पर क‍िन बातों का रखें ख्‍याल

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हार्ट ब्‍लॉकेज की समस्‍य जन्‍म से हो सकती है या अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल या अन्‍य कारण से बाद में हार्ट में ब्‍लॉकेज हो सकता है। हार्ट ब्‍लॉकेज का मतलब है जब हार्ट में रुकावट के कारण ब्‍लड सप्‍लाई बाधित होती है तो उसे हार्ट ब्‍लॉकेज के नाम से जाना जाता है। हार्ट ब्‍लॉकेज की समस्‍या को नजरअंदाज नहीं करना चाह‍िए वरना हार्ट अटैक की समस्‍या हो सकती है। ऐसा नहीं है क‍ि हार्ट ब्‍लॉकेज की समस्‍या केवल बुजुर्गों में हो, ये समस्‍या क‍िशोरों और युवाओं में भी देखने को म‍िलती है। हार्ट में ब्‍लॉकेज की समस्‍या क्‍यों होती है, इसके क‍ितने प्रकार हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है इसे जानने के ल‍िए लेख को अंत तक पढ़ें। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के पल्‍स हॉर्ट सेंटर के कॉर्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ अभ‍िषेक शुक्‍ला से बात की

  • लेफ्ट बंडल ब्‍लॉक तब होता है जब हार्ट की मांसपेश‍ियों में चोट लग जाती है।
  • राइट बंडल ब्‍लॉक वो होता है जब हार्ट की मांसपेश‍ियों में ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता।
  • बंडल ब्रांचेज ब्‍लॉक वो होता है जो हार्ट के न‍िचले राइट या न‍िचले लेफ्ट ह‍िस्‍से में हो जाए।
  • जब हार्ट का स‍िनोअट्र‍ियल पार्ट ब्‍लॉक होता है तो उसे स‍िनोअट्र‍ियल नोड ब्‍लॉक बोलते हैं।
  • एट्र‍ियोवेंट्र‍िकुलर नोड ब्‍लॉक तब होता है जब हार्ट में इलेक्‍ट्र‍िक स‍िगनल की गत‍ि कम हो जाती है।
  • लेफ्ट बंडल ब्‍लॉक तब होता है जब हार्ट की मांसपेश‍ियों में चोट लग जाती है।
  • राइट बंडल ब्‍लॉक वो होता है जब हार्ट की मांसपेश‍ियों में ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक से नहीं होता।
  • बंडल ब्रांचेज ब्‍लॉक वो होता है जो हार्ट के न‍िचले राइट या न‍िचले लेफ्ट ह‍िस्‍से में हो जाए।
  • जब हार्ट का स‍िनोअट्र‍ियल पार्ट ब्‍लॉक होता है तो उसे स‍िनोअट्र‍ियल नोड ब्‍लॉक बोलते हैं।
  • एट्र‍ियोवेंट्र‍िकुलर नोड ब्‍लॉक तब होता है जब हार्ट में इलेक्‍ट्र‍िक स‍िगनल की गत‍ि कम हो जाती है।

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