आजम खान की जमानत के साथ ही रामपुर के डीएम को कोर्ट का आदेश, नाप-जोख कराकर जमीन पर ले लें कब्जा
मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के लिए धोखाधड़ी कर शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को अंतरिम जमानत देने का आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने मंगलवार शाम खुली अदालत में सुनाया।
आदेश पारित होने के दौरान आजम खान की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह, कमरुल हसन सिद्दीकी व सफदर काजमी और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, शासकीय अधिवक्ता एसके पाल, अपर शासकीय अधिवक्ता पतंजलि मिश्र व राज्य विधि अधिकारी अभिजीत मुखर्जी उपस्थित रहे। कोर्ट ने आजम खान की उम्र, उनके स्वास्थ्य और लगभग ढाई साल से जेल में बंद रहने के मद्देनजर मानवीय आधार पर उनकी जमानत मंजूर की है।
कोर्ट ने डीएम रामपुर को निर्देश दिया है कि वह विवादित 13.842 हेक्टेयर भूमि की नापजोख कराकर उस पर वास्तविक कब्जा प्राप्त करें तथा कटीले तार लगाकर उसकी बाउंड्री वाल बनाकर उसे सुरक्षित करें। कोर्ट ने यह कार्रवाई 30 जून तक पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। उसके बाद ही आजम खान को नियमित जमानत मिल सकेगी। कोर्ट ने मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के अधिकारियों से भी इस कार्य में राजस्व अधिकारियों का पूरी तरह से सहयोग करने को कहा है। उन्हें किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कस्टोडियन को निर्देश दिया है कि इस भूमि को अर्धसैनिक बलों को प्रशिक्षण कार्य के लिए उपलब्ध करा दें।
इसके अलावा कोर्ट ने आजम खान पर शर्त लगाई है कि वह रिहा होने के तत्काल बाद संबंधित अदालत में अपना पासपोर्ट जमा कर देंगे। कोर्ट ने आजम खान को निर्देश दिया है कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान हर तारीख पर व्यक्तिगत रूप से या अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित रहेंगे। ऐसा न करने पर ट्रायल कोर्ट उनकी जमानत निरस्त कर सकेगी। आजम खान ट्रायल शुरू होने, आरोप तय होने और बयान मुलजिम के समय व्यक्तिगत रूप से अदालत में अवश्य उपस्थित होंगे। जमानत से संबंधित अन्य सभी शर्तें भी कोर्ट में आजम खान पर लगाई हैं। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि एक वर्ष के भीतर मुकदमे का ट्रायल पूरा करें।