पुरुषों की तुलना में उत्तराखंड की महिलाएं ज्यादा कामकाजी

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देहरादून ।उत्तराखंड की महिलाएं, पुरुषों से ज्यादा कामकाजी हैं। इसकी तस्दीक श्रम मंत्रालय का ई-श्रम पोर्टल कर रहा है। उत्तराखंड के 29.68 लाख लोगों ने किसान, स्ट्रीट वेंडर्स, कपड़ा निर्माण, भवन निर्माण श्रमिकों के तौर पर पंजीकरण कराया है। इनमें 16.37 लाख (55.16) की संख्या केवल महिलाओं की ही है। देश में अब तक सरकारों के पास असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डेटा नहीं है।

अनुमान है कि इनकी संख्या 38.37 करोड़ तक हो सकती है। असल आंकड़े जुटाने के लिए केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने अगस्त 2021 में ई-श्रम पोर्टल लांच किया। प्रत्येक राज्य में श्रम विभाग को एक अनुमानित लक्ष्य देकर पोर्टल के जरिए असंठित क्षेत्र के कामगारों (आशा कार्यकत्री, निर्माण श्रमिक, रिक्शा-टैक्सी चालक, स्ट्रीट वेंडर्स, किसान आदि) का पंजीकरण कराने को कहा गया।

जिससे कि इन श्रमिकों का सटीक आंकड़ा जुटाकर उन्हें पंजीकृत श्रमिकों की तरह सरकारी सुविधाएं दी जा सकें।देशभर में करीब 3 लाख जन सुविधा केंद्र (सीएससी) को पंजीकरण के काम में लगाया गया है। पंजीकरण कराने के दौरान श्रमिकों को अपना क्षेत्र यानी जो काम वह कर रहे हैं उसकी भी जानकारी देनी है।

इसी ई-श्रम पोर्टल के अनुसार उत्तराखंड में अब तक करीब 29 लाख 68 हजार 252 लोगों ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के तौर पर पंजीकरण कराया है। इनमें 13 लाख 30 हजार 939 (44.84) पुरुष और 16 लाख 37 हजार 300 (55.16) महिलाएं शामिल हैं।

हर 5वीं महिला है कामकाजी: यदि उत्तराखंड राज्य में वोटरों के कुल आंकड़ों के हिसाब से ई-श्रम पोर्टल के आंकड़ों की तुलना करें तो हर 5वीं महिला कामकाजी है। उत्तराखंड में 2022 विधानसभा चुनाव में 82 लाख 77 हजार 330 मतदाता पंजीकृत रहे।

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